राष्ट्रसंत तुकड.ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग की ओर से परीक्षा फॉर्म ऑन लाइन भरने की सुविधा शुरू की गई है. सुविधा से विद्यार्थियों को आर्थिक रूप से न तो कोई फायदा हुआ है और न ही फॉर्म भरने को लेकर होने वाली परेशानियां कम हुई है. उल्टे उन्हें फॉर्म भरना पांच गुना अधिक महंगा साबित हो रहा है. हालांकि परीक्षा फॉर्म ऑन लाइन जमा करने की सुविधा अपनाने से विद्यापीठ परीक्षा विभाग को बड.ी राहत मिली है. लेकिन फॉर्म विक्रेताओं को इस फैसले से एक झटके में लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड.ा है. यह नुकसान समय के साथ और बढ.ता जाएगा. विश्वविद्यालय कंज्यूमर सोसायटी और अन्य विक्रेताओं को कुल मिलाकर फार्म की बिक्री से हर साल 2 से 3 लाख रुपए की आय होती थी. लेकिन अब इस बदलाव से सीधे इंटरनेट कैफों और कालेजों को मुनाफा होगा. गौरतलब है कि विद्यापीठ की ओर से इस वर्ष परीक्षा फॉर्म ऑन लाइन भरने की सुविधा प्रदान की गई है. प्रथम चरण में वार्षिक पैटर्न के विद्यार्थियों को इसके दायरे में लाया गया है. सेमिस्टर पैटर्न के विद्यार्थियों को अगले वर्ष इसके दायरे में लाया जाएगा. विद्यापीठ की ओर से हर वर्ष 550 से अधिक ग्रीष्मकालीन परीक्षाएं ली जाती है. जबकि 350 शीतकालीन परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है. ग्रीष्म परीक्षाओं में वार्षिक पैटर्न के नियमित, पुनर्परीक्षार्थी और बाह्य परीक्षार्थियों की कुल संख्या ढाई लाख से अधिक होती है. शीतकालीन परीक्षा में वार्षिक पैटर्न के डेढ. लाख परीक्षार्थी शामिल होते हैं. परीक्षा के लिए विद्यार्थियों को 11 रुपए का फॉर्म खरीदना पड.ता था. प्रकाशन विभाग की मानें तो विक्रेताओं को फॉर्म 8 से 9 रुपए का पड.ता है. ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ विक्रेता फॉर्म 15 रुपए तक बेचते हैं. इस तरह विक्रेताओं को एक फॉर्म के पीछे सीधे दो से तीन रुपये का नुकसान उठाना पड. रहा है. ऑन लाइन प्रणाली शुरू होने से विद्यार्थियों को उम्मीद थी कि उन्हें होने वाली दिक्कतें कम होगी. लेकिन उन्हें उल्टा और अधिक जेब ढिली करनी पड. रही है. कई कॉलेजों में फॉर्म भरने की व्यवस्था नहीं है. इसके लिए विद्यार्थियों को इंटरनेट कैफे का सहारा लेना पड. रहा है. कैफे में उन्हें प्रति घंटा 10 से 15 रुपए चुकाने पड.ते हैं. फॉर्म भरने के लिए विद्यार्थियों को डेढ. से दो घंटे का वक्त लगता है. ऐसे में उन्हें फॉर्म भरने के लिए 20 से 30 रुपए देने पड. रहे हैं. यहीं उनकी दिक्कतें खत्म नहीं होती. ऑन लाइन भरने के बाद उन्हें एक हार्ड कॉपी कॉलेज में जमा कराना पड.ता है. भरे हुए फॉर्म की प्रिंट विद्यार्थियों को निकालने के लिए प्रति प्रिंट 10 रुपये देने पड.ते हैं. इस लिहाज से परीक्षा फॉर्म भरने की पूरी प्रक्रिया के लिए पहले जहां विद्यार्थियों को महज 11 रुपये खर्च आता था. वहीं अब उनका खर्च बढ.कर 50 रुपये तक पहुंच गया है. कई ऐसे कॉलेज है जो इंट.
above information from lokmat news paper ..........
ankit bansod
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